"एमू युद्ध": जब ऑस्ट्रेलिया पक्षियों से हार गया!
जी हाँ, यह सच है और इतिहास में दर्ज है।
8/19/20251 min read


साल 1932 में, ऑस्ट्रेलिया ने एक "युद्ध" छेड़ा — किसी देश या आतंकियों के खिलाफ नहीं, बल्कि पक्षियों, यानी एमू (Emu) नामक बड़े उड़ान रहित पक्षियों के खिलाफ!
समस्या क्या थी?
पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के खेतों में 20,000 से ज्यादा एमू पक्षी फसलें तबाह कर रहे थे। किसान परेशान थे, इसलिए सरकार ने सेना को भेज दिया। सैनिकों को मशीन गन दी गई और मिशन शुरू हुआ — "एमू को खत्म करो।"
क्या हुआ युद्ध में?
सैनिकों ने एमूओं पर गोलियाँ चलाईं — हज़ारों राउंड — लेकिन एमू बहुत तेज़ और चालाक निकले।
एमू झुंड में नहीं, बिखर-बिखर कर भागते थे, जिससे उन्हें निशाना बनाना मुश्किल था।
मशीनगन जाम हो जाती थी, और सेना के वाहन पक्षियों की रफ्तार से पीछे रह जाते थे।
नतीजा?
कई हफ्तों की मेहनत के बाद भी सिर्फ 1,000 एमू मरे।
एमू जीत गए — खेतों में फिर से घुस गए।
सरकार ने ऑपरेशन बंद कर दिया और इसे "विफलता" घोषित कर दिया।
इस "युद्ध" को आज भी इतिहास के सबसे अजीब युद्धों में गिना जाता है। इसे "The Great Emu War" कहा जाता है, और लोग आज भी इस पर हँसते हैं — एक ऐसा युद्ध जिसमें इंसान बंदूक लेकर पक्षियों से हार गया।
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